Ateet
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Ateet

By Priyanka Goliya



एक लड़की लाल कुर्ता पहने और काला बैग टांगे जल्दी जल्दी चल रही थी । उसके घुंगराले बाल तेज हवा के चलने से बार बार उसके चेहरे पर आकर उसे परेशान कर रहे थे ।रात का वक्त था और सड़क सुनसान । अक्सर रात के वक्त उस रस्ते पर कोई ज्यादा आता जाता नही था । लड़की बहुत जल्दी में थी उसके माथे पर पसीना और आंखों में डर यकीन दिला रहा था की शायद किसी से बचने की कोशिश में उसने ये रास्ता चुन लिया। उस लड़की के बढ़ते कदम उसे जंगल की ओर ले चले थे । प्रतीत हो रहा था कि उसे खबर ही नहीं कि वो जा कहां रही थी । अचानक एक खंडहर के सामने जा रुकी और फूट फूट कर रोने लगी । उसकी आवाज सुनकर खंडहर से एक लंबा चौड़ा आदमी आता हुआ दिखाई दिया जिसकी बड़ी बड़ी लाल लाल आंखें थीं और दोनों भौहें आपस में जुड़ी हुई थीं देखने में किसी राक्षस के कम नहीं जान पड़ता था । लड़की ने अचानक उस आदमी को अपनी ओर आते देखकर भागने की कोशिश की लेकिन उस आदमी से वो केवल एक हाथ की ही दूरी पर थी । आदमी ने झट से उसके बाल पकड़कर उसे जमीन पर पटक दिया । उसकी चीख मेरे कानों में



गूंजने लगी ।फिर वो दरिंदा उस लड़की को बालों से खींचते हुए खंडहर की तरफ ले जाने लगा । इतने में ही मेने देखा कि खंडहर में दो आदमी और हैं दोनों के चेहरे पर बड़ी बड़ी दाढ़ी है और आंखों में किसी को भी तबाह कर देने वाली दहशत । लड़की को देखकर वो दोनों भी उस पर झपट पड़े । ये सब मेरी आंखों के सामने हो रहा था। लड़की बार बार भागने की कोशिश कर रही थी पर तीन मर्दों से बचकर भाग पाना उसके लिए असंभव था । बेचारी चीखती रही कि "कोई तो मुझे बचा लो " । मैं उसकी हर चीख सुन पा रही थी । मैनें मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाए पर ऐसा महसूस हुआ की एक दीवार है जो मेरे हाथों को उस तक पहुंचने हो नहीं दे रही है । उसकी हालत देखकर मेरी आंखों से आंसू बहने लगे । अब मैं उन तीनों आदमियों को नहीं देख पा रही थी और वो लड़की भी धुंधली होती हुई दिखाई दी । मुझे लगा मेरी आंखें आंसुओं से भरी हैं इसलिए मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा तो मैंने आसूं पौंछ डाले । और सामने देखा की ये तो मैं ही हूं उस आईने के पार ।



By Priyanka Goliya




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