- hashtagkalakar
Aisa Mera Kisan Hai
By Rakesh Singh Sidar
खेतों में जिनके सपनें लहलहाते है,
धरा पर जो उम्मीदों के हल चलाते है,
जिनकी खुशियाँ चहकते हरियाली में है,
जिनका जीवन, खिलते बाली में है,
कुदरत के आगे भी जिनके आस न टूटे,
हड्डी पिघल जाए मेहनत में, पर सांस न छूटे,
चाहे तपन धूप की हो, या लड़ाई भूख की हो,
कभी थकता नही वह ..चाहे वजन कितना भी दुख की हो ।
जिसकी मेहनत पर सारा जहाँ पलता है,
हर बार वह जुल्म की आग में जलता है,
फिर भी.... हाथ उसके जमीं से छूटते नहीं,
कंधे झुक जाए पर हौसले टूटते नहीं,
उसके कभी दिन नही ढलते ....
हर बार वह मौसम की बदसलूकी सहता है,
कभी खुद के कर्ज और अंदर के बोझ में रहता है।
जिनकी सुनने को कोई तैयार नहीं है ...
जिनकी उम्मीदें एक झूठी आस में गुजर जाता है,
फिर, खुद को खत्म कर देने का रास्ता ही नजर आता है।
शून्य सा जीवन...
जिसे किसी दहाई का अनुमान नही....
अपनी लगन, परिश्रम पर कभी कोई गुमान नही,
ऐसे सर्वत्यागी, पालनकर्ता को
सहृदय सम्मान है ,
ऐसा मेरा किसान है...
ऐसामेराकिसानहै...।
By Rakesh Singh Sidar