By Vidhi Krupal Shah ना जाने वो दिन कहा चले गए हैं ना जाने वो दिन कहा चले गए हैं जहा हर छोटी खुशी भी बड़ी लगती थी । ना जाने वो दिन कहा चले गए हैं जहा प्यार का दिखावा ना होके सच्चा प्यार था । ना जाने व
By Snigdha Bhardwaj सुनो आज चाँद देखा क्या? क्या देखी तुम्हें लुभाने को, उसकी बादलों संग लुका छुप्पी की अठखेलियाँ? या देखे उसके अक्स में एक दूजे को तलाशते दीवाने? या फिर उसकी आभा पर कविता लिखते कवि दे
By Snigdha Bhardwaj चलो ना कहीं और चलते हैं, अहम और अपेक्षाओं से परे, चलो एक नया जहान गढ़ते हैं, चलो ना कहीं और चलते हैं। वो जहान जहाँ कोई जानता ना हो, हमारी खामियों को पहचानता ना हो। वो जहान जहाँ कोई