सपने
- Hashtag Kalakar
- Oct 18
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By Dr. Hari Mohan Saxena
सपने हमको क्यों आते हैं ?
आखिर ये क्या बतलाते हैं ?
कुछ तो शुभ संकेत दिखाते
कुछ अनिष्ट का डर दे जाते।
मानव का सपनों के जग से
रिश्ता शायद कोई पुराना,
दिखते कभी लोग पहचाने
कभी नज़र आते अनजाने।
सपनों की दुनिया है निराली
संकेतों की भाषा आली,
घटनाएं जो घटने वाली
कभी समस्या के हल वाली।
आते नहीं बुलाने पर भी
बिना बुलाए आएं कभी भी,
कभी सपन देख डर जाते
अच्छे दिन की आस जगाते।
जो अभिलाषा पूरी ना हो
स्वप्न देखकर उसको जी लो,
कठिन लक्ष्य या प्रेम असंभव
मगर स्वप्न में सब कुछ संभव।
ईश्वर का वरदान है सपना
असफल का अरमान है सपना,
जो इच्छाएं पूरी ना हों
पाने का सामान है सपना।
कुछ सपने मैंने भी देखे
अपने और पराए देखे,
जिन्हें देखना मुश्किल जग में
ऐसे जीव, जन्तु भी देखे।
रहा असंभव पाना जिसको
सपने में ही पाया उसको,
राह ताकते बीता जीवन
सपने में आया वो प्रियतम।
जिस दुश्मन से रूह काँपती
नज़र नहीं जिससे मिल पाती,
उसपर मैंने बल अजमाया
उसे स्वप्न में धूल चटाया।
सपने में मैं बना बादशाह
दुनिया को कदमों में पाया
सुख भोगे पर मज़ा न आया
सब कुछ त्याग परम सुख पाया।
By Dr. Hari Mohan Saxena

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