तड़प
- Noted Nest
- Jan 23
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By Prathamesh Prakash Jadhav
रात तारों की चादर ओढ़कर गहरी नींद सो गई,
पर दिल तेरे दीदार की ख्वाहिश लगाए बैठा है।
मैं तुझसे चुपके मिलने आऊं भी तो कैसे,
चाँद तेरी छत पर दस्तक लगाए बैठा है।
By Prathamesh Prakash Jadhav
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