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Dost
By Pritesh Maheshwari
हम भले बात करे ना करे आपस में.. सालों में भी..
पर यक़ीन दिलाते है कि तेरी याद दूर नहीं जाती.. ख़्यालों में भी..
भुला नहीं ही की कितना सताया हे तूने बचपन से आज तक..
पर ये भी याद है कि जब जब ज़रूरत थी तेरी.. तू मेरे साथ था, तब तब..
कभी कभी लगता था कि तू अगर time pass ना करवाता.. तो मैं क्या क्या कर चुका होता..
पर सोच कर चुप रह जाता हूँ कि अगर उस वक़्त exam में तू आस पास नहीं होता.. तो मैं पास भी कैसे होता..
तू ही तो हैं जिसने कभी मेरी किसी बात का बूरा नहीं माना..
वो हर बात तुझसे कह देता हूँ.. जिनसे डरता हूँ की सुनने पे क्या कहेगा ये ज़माना..
अब हम बड़े हो गए, अपने काम में व्यस्त हो गए, अपने अपने परिवार में मस्त हो गए..
वो हमारी मस्तियाँ, आइयाशियाँ, बदमाशिया.. अब सारे क़िस्से हो गए..
सुनाते सुनाते अपने बच्चों को अपने क़िस्से, उन दिनो को कई दफ़ा याद करते है..
बहुत क़ीमती हे तू मेरे दोस्त और तेरी दोस्ती.. हर किसी को नसीब हों.. फ़रियाद करते है..
By Pritesh Maheshwari