100 फाईल्स
- Hashtag Kalakar
- Apr 11, 2023
- 6 min read
Updated: Jun 6, 2023
By Nilesh Kute
कहा जाता है कि एक महिला की सबसे बड़ी दौलत उसकी आब्रू होती है। उसे दागना मतलब सबकुछ खो देने बराबर है। लेकिन इसी आब्रू पर मर्दानगी के दाग लिए कुछ महिलाएं अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जिस्म के बजार में फसी हुई हैं। जिन्हें आम बोलचाल में 'वेश्या' कहा जाता है।
रात के लगभग १२ बजे थे | कुछ वेश्याएं वेश्यालय के रास्तेपर खड़े होकर अपने कस्टमर का इंतजार कर रही थी। उनके बीच एक 'काजल' नामक वेश्या भी थी। यह वेश्याएं आपस में गपशप कर कस्टमर का इंतजार कर रही थी। तभी एक शराबी कस्टमर काजल के पास आया और उससे सम्भोग करने के लिए रेट पूछा।
“कितना लेगी ??”, इतर भितर देखते हुए उसने पूछा..
“१००० मे पुरा !!!” , काजल ने उसके गाल पे हाथ रखकर बोला..
“क्या?? इतना?? कुछ कम कर. पहली दफा आयेला क्या मे इधर कु ??”, लडखडाते हुए बोला..
“क्या बोनी के टाईम खोटी कर रहा हैं...चल ९०० फायनल इसे कम नई होगा..और हा पिछेसे नहीं !!”, काजल उसे बहकाते हुए बोली..
“चाहिए भी नहीं तेरी मेरेकु....चल ९०० फिक्स !!!”, काजल का हाथ पकड उसे खिचते हुए बोला...
“रुक पहले पैसा, बाद में जन्नत !!!”, उसे रोकते हुए काजल बोली..
“क्या घाई पड़ी तेरकु ??करने से पहले तू पैसा लेके भाग गई तो किसको लू ??” , उतावला होकर फिर घबराते हुए बोला..
“तू मेरी लेके बिना पैसे देके भागा तो मै क्या करू डार्लिंग ???”, काजल उसके सर पे हाथ मारके बोलती है
“हा ठीक है चल...ये ले..आज जन्नत महँगा पड़ा रे बाबा मेरेकू !!!” काजल को पैसे देते हुए बोला..
काजल शराबी से पैसे लेकर अपने ब्लाउस में डालती हैं, इतने में अचानक वहा पुलिस की गाड़ी आती हैं| सभी वेश्याएं भाग जाती हैं और गलियों में छिप जाती हैं। वो शराबी कस्टमर डर के मारे काजल की ब्लाउस में हाथ डालकर अपने पैसे वापस लेने की कोशिश करता हैं। लेकिन काजल उसे और रेट कम करके मनाने की कोशिश करती हैं| शराबी कस्टमर डर के मारे बिना पैसे लिए भागने लगता हैं तब काजल उसके जेब से उसका बटुआ निकाल लेती हैं| पुलिस अपनी गाड़ी से उतरते हुए काजल के पास आने लगती हैं| काजल पीछे मुडके बटुए से पैसे निकाल कर ब्लाउस में रखके बटुआ फेक देती हैं। उतने में एक पुलिस,
“अय निकल यहाँ से..कितनी बार बोला हैं समझ में नहीं आता”, अपने हाथ में पकड़ी डंडी रस्ते पे ठोकते हुए कहता हैं|
काजल पुलिस को देखकर नज़रअंदाज करती हैं|
“अय बाई !! तुझे बोल रहा हु मै !! काय ग !! कान चेक करू क्या तेरे ???”, उसके सामने खड़े होकर पुलिस बोलता हैं|
“क्या साहब तुमको बोलने को क्या जाता हैं..एक तो सुबह से एक भी बोनी नहीं हुई..अभी एक कस्टमर आया था आपके वजह से भाग गया बोलो..”, काजल रुसवाई के सुर में बोलती हैं|
“तो अब तू भी भाग यहाँ से....काय ग कितनी बार बोला हैं यहाँ खड़ा नहीं रहने का!!!”, गुस्से में पुलिस बोलता हैं|
“तो आप ही बताओ साहब कहा खड़ी रहू ???”, काजल हैरान होकर बोलती हैं|
“उधर अंदर तुम्हारा एरिया हैं ना !! उधर मराओ अपनी, यहाँ खड़े रहकर क्यों हमारा टेंशन बढाती हैं ??”, और गुस्सा होकर पुलिस बोलता हैं|
“साहब तुम्हारा टेंशन हमको हो रहा है अभी..एक कस्टमर टिकता नहीं”, परेशान होकर काजल कहती हैं|
“च्यायला तू लई बोलते हा..चल चौकी का दर्शन करवाता हु तुझे !!! चल अभी के अभी चौकी में”, भडक के पुलिस बोलता हैं|
“अरे साहब माफ करो गलती से बोल गयी..चलो आपको चाय पिलाती हैं मै”, लडखडाते हुए काजल बोलती हैं|
“ए तेरी चाय के ऊपर गुजारा चलता हैं क्या मेरा..साली !!”, अपनी हाथ की डंडी जोर से जमीन पर ठोकते हुए पुलिस बोलता हैं|
“ऐसा कब बोली मैं साहब ?? आप सबको हकेलने के बाद चाय ही तो पिने जानेवाले थे इसलिए बोली..”, समझाते हुए काजल बोलती हैं|
“ठीक हैं..ठीक हैं..चल!!”, सहमत होकर बोलता हैं|
वो पुलिस काजल के साथ चाय की दुकान पर जाता हैं और अपने साथी पुलिस अजय को बुलाता हैं| अजय और उसके वरिष्ट पुलिस रास्ते के कोने में एक कवर डाली रिक्शा के बगल में जाकर खड़े होते हैं| वहा चायवाला अपनी छोटी बच्ची से काजल को चाय देने कहता हैं| इतने में काजल गुस्सा होकर उसे बोलती हैं,
“कितनी बार तुझे समझाया हैं रतन मैंने ?? देर रात इतनी छोटी बच्ची को काम पे मत रख..एरिया पता हैं ना तेरको कितना गंदा हैं वो ??? चल अभी के अभी मुन्नी को घर पे भेज!!!”
काजल के कहने पर चायवाला अपनी बेटी को घर जाने कहता हैं| छोटी बच्ची चली जाती हैं| काजल पुलिसवालों के पास चाय लेकर जाती हैं और अजय की तरफ इशारा करके साहब को पूछती हैं की, “यह पहली बार यहाँ आएँ हैं क्या ?? इससे पहले इन्हें यहाँ देखा नहीं !!!” तब अजय उसे बताता हैं की उसकी आज ही जॉइनिंग हुई हैं| थोड़ी देर काजल पुलिस से सहमे से बात करती हैं| चाय पीने के बाद काजल चली जाती है। कांस्टेबल अजय अपने वरिष्ठ से पूछता है की कुछ वक़्त पहले आप ही इन वेश्याओं को भगा रहे थे और अब उनसे चाय के साथ गप्पे लड़ा रहे थे। वरिष्ठ कुछ बोलने ही वाले होते है इतने में उसके पीछे खडी कवर डाली हुई रिक्शा से फोन की घंटी बजती है। अजय को शक होता हैं। वरिष्ठ पुलिस डंडा लेकर धीरे से रिक्शा का कवर सरकाता हैं और देखता हैं कि एक वेश्या और उसका कस्टमर अंदर सम्भोग कर रहे हैं। अजय उनपर चिल्लाता है और दोनों को बाहर आने के लिए कहता है। वह कष्टमर गड़बड़ी में अपना बेल्ट लगाते हुए और वेश्या अपनी साड़ी संभालते हुए बाहर आती हैं। अजय उस आदमी की कॉलर पकड़ लेता है और उस पर चिल्लाता है। उस पर आदमी कहता हैं,
“मुझे छोड़ दो साहब, वापस ऐसा नहीं होगा| जाने दो मुझे, मेरी बीवी प्रेग्नेंट हैं|”
“सर देखो ये हरामखोर क्या बोल रहा हैं, इसकी बिवी प्रेग्नेंट हैं|”, कॉन्स्टेबल अजय उस आदमी की कोलर पकड़ते हुए बोलता हैं और उसे जोर से एक थप्पड़ मारता हैं|
“साहब मैंने जो सच हैं वो बताया मारा क्यों ??”, बहस करते हुए आदमी बोलता हैं|
“मारा क्यों पूछता हैं साले !! तेरी बिवी प्रेग्नेंट हैं और तू यहाँ ऐश मना रहा हैं?? तेरी बिवी तेरी ही वजह से प्रेग्नेंट हैं ना ?? या फिर...”, वरिष्ट पुलिस आदमी को मरते हुए बोलता हैं|
“नहीं साहब मेरी ही वजह से हैं...साहब घर पे कुछ मत बताना प्लीज़...मेरे होनेवाले बच्चे को ये पता चला तो क्या होगा”, आदमी डरते हुए बोलता हैं|
“नहीं पता चलाना चाहिए ना !! तो फिर इधर आ...”
अजय वरिष्ठ पुलिस से उनके खिलाफ मामला दर्ज करने कहता हैं। लेकिन वरिष्ट पुलिस उस आदमी को रास्ते के कोने में लेकर जाता हैं और उससे जुर्माना लेके उसे छोड़ देता हैं| उसके साथवाली वेश्या को बिना जुर्माना लिए चेतावनी देकर छोड़ देता हैं|
ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत वेश्याओं या उनके कष्टमर को गिरफ्तार किया जा सके। अनैतिक व्यापार (प्रतिबन्ध) अधिनियम, 1956 के अनुसार, केवल वे लोग जो वेश्यावृत्ति का व्यवसाय चलाते हैं और उन्हें ऐसा करने के लिए उकसाते हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
अजय और वरिष्ट पुलिस जाकर गाड़ी में बैठ जाते हैं। अजय अपने वरिष्ठ से पूछता है कि उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। अजय के इस सवाल पर उल्टा वरिष्ठ कांस्टेबल उसे पूछता है कि अपने थाने में रेप केस की कितनी फाइलें दर्ज हैं?? अजय उन्हें बताता है कि वे ९९ हैं। कांस्टेबल का कहना है कि वेश्याएं होने के कारण थाने में रेप केस की फाइलों की संख्या नियंत्रित रहती है। अगर यह बाजार बंद हो जाता है तो इतनी सारी केस फाइल दर्ज हो जाएंगी कि उन्हें सुलझाना मुश्किल हो जाएगा। अजय के चेहरे पर साफ साफ़ दिखाई देता हैं कि उसे कुछ समज में नहीं आता| अजय गाड़ी निकालने लगता हैं| अचानक एक लड़का दौड़ता हुआ आता हैं और गाड़ी के खिड़की में झाककर हाफते हुए बोलता हैं की,
साहब रुको...मेरे साथ चलो..पिछली..पिछली गली में एक शराबी आदमी ने चायवाले के छोटी बच्ची पर रेप करने की कोशिश की...आप जल्दी चलो साहब वेश्याओ ने उसे पकडके रखा हैं..
लड़का तुरंत पुलिस और चायवाले को उस जगह लेकर जाने निकलता हैं। जब अजय और वरिष्ट पुलिस गाड़ी से बाहर निकलते हैं, तो सीनियर कांस्टेबल अजय से कहता हैं,
"ये लो हो गए सौं !!"
गली में उस शराबी आदमी को वेश्याए और लोग पीट रहे थे| और उसमे काजल भी शामिल थी | ये वही शख्स था जो काजल के पास कष्टमर बनकर आया था। वह लड़की के साथ बलात्कार करने की कोशिश कर रहा था| इतने में पुलिस वहा आकर उस आदमी को मारने लगती हैं| उनसे बचते हुए रोकर वह आदमी बोलता हैं,
ओ साहब...साहब अपन की कोई गलती नहीं हैं | इस रंडी ने मेरा पाकिट चुराया इसलिए मेरकु ये सब करना पड़ा | अगर इसने मेरा बटुआ नहीं चुराया होता तो मै दुसरे रंडी को लेके उसके साथ कर लेता...साहब आप इसको भी पकड़ो..इसके वजह से ये सब करना पड़ा मेरकु...छोडना नही साली को...
ये सुनने के बाद अजय उसे जोर से थप्पड मारता हैं और बोलता हैं,
अबे भाडखाऊ !! पाकिट मारा इसने इसलिए बलात्कार करेगा ???एक दिन सेक्स नहीं किया तो क्या मर जायेगा क्या ???
इसके बाद पुलिस उस शराबी को घसीटते हुए ले जाती हैं और गाड़ी में बिठाती हैं | गाड़ी की रफ़्तार के साथ अजय की सोच में एक ख्याल ऐसा भी आता है कि, इस धंदे का नाम समाज में ख़राब क्यों है? शायद इस समाज का नजरिया सही न हो तोह ?
By Nilesh Kute

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