हिम्मत
- Hashtag Kalakar
- 2 hours ago
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By Asha Jaisinghani
चारो सहेलियां तमाम कयास लगाने के बाद जब किसी नतीजे नहीं पहुंच पाई तो निर्णय किया शाम को कालिंदी के घर जाकर बात करेगीं
शाम को चारो को अपने घर देखकर कांलिंदी खुश और फिर मायुस हो जाती है कालिंदी से बार - बार उदासी का कारण पूछने पर आखिर कालिंदी बताती है कि सामने वाले मेहरा अंकल रोज मुझे अजीब नज़रो से देखते है ,पर पिछले दो दिन से वो रोज रातको आकर बेल बजाते है जब सारी बिंल्डिग सो जाती है ,मुझे बहुत डर लगता है आंटी मुझे बेटी जैसा प्यार देती है इसलिए उनको कैसे कहूँ ,घर बता नही सकती फ्लैट छोड़ने की स्थिति में नहीं हूँ ,चारो लड़कियां अपने पापा मम्मी को बताती है ,सब जाकर बिल्डिंग के सैक्रेटरी से बात करते है मेहरा को बुलाते है ,सैक्रेटरी मेहरा से करते हे ,मेहरा साहब ये आपको शोभा नही देता बिल्डिंग में बच्चे, बहु ,बेटियां रहती ,ये कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ,अगली बार अगर आपकी शिकायत आई हे तो बिल्डिंग की मींटिंग बुलाकर आपपर कार्यवाही की जायेगी ,अभी आपने जो कुछ कबूल किया वो सब रिकार्डिग हो चुकी है ,इसको सूबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा , मेहरा अंकल माफी माँगकर चले जाते है ,विशी क्या दीदी आज के जमानें में डरने का नहीं डराने का , पाखी की मम्मी जिंदगी की कुछ लड़ाइयां हम सिर्फ थोड़ी हिम्मत दिखाकर जीत सकते है , बाकि मदद के लिए अपना मोबाइल जिंदाबाद , शान्मुख के पापा बेटा किसी से घबराने की जरूरत नहीं है, शर्बरी ,अब तो हंसदो दी ,और कल पार्क में मिलने की बात कहकर सब जाने लगते है ।
By Asha Jaisinghani

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