हम क्यूँ इक दूसरे से यूँ ख़फ़ा हो रखे हैं
- Hashtag Kalakar
- May 10, 2023
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By Manish Joshi
हम क्यूँ इक दूसरे से यूँ ख़फ़ा हो रखे हैं,
चार दिन की ज़िंदगी है दो गुज़र भी गए हैं।
दिल बनाए हैं ख़ुदा ने प्यार करने के लिए,
ग़ुरूर-ओ-अना के लिए ये दिल नहीं बने हैं।
तुम तुम्हारे पहलू में हम हमारे दामन में,
यूँ ख़ुद से लिपटने को जिस्म-ओ-जाँ नहीं बने हैं।
आओ ना नर्म होकर हम आपस में घुल जाएँ,
पिघला है जब मोम तभी चिराग़ जल सके हैं।
By Manish Joshi

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