सिर्फ तुम्हारा ही इंतज़ार
- Hashtag Kalakar
- Mar 23, 2023
- 1 min read
By Pallavi Jawalkar
जब भी पलटती हूं, पन्ने अपनी डायरी के,
हर नज़्म, हर लफ्ज़ में एक ही अक्स् दिखाई देता है,
सिर्फ तुम्हारा
जब भी सोचती हूं, अपनी जिंदगी के बारे में,
हर लम्हे, हर ख्याल में एक ही जिक्र महसूस होता है,
सिर्फ तुम्हारा
मोहब्बत क्या है? यह तो शायद इस दिल को पता नहीं है,
फिर भी जब कभी मोहब्बत का नाम लिया जाता है,
एक ही नज़र, इन नज़रों के सामने आ जाती है, तो
सिर्फ तुम्हारी
मोहब्बत ही है, शायद तुम्हें कि, जब भी मैं कोई बात करूं तो जाने अंजाने ही सही, किसी से ग़र कोई बात होती
है, तो
सिर्फ तुम्हारी
बुराईयां तो ज़माना आज भी मुझे तुम्हारी, लाखों गिनवा देता है
तुमसे मोहब्बत ना करने के कारण भी लाखों समझा
देता है
फिर भी सारी गलतियों पर तुम्हारी,एक अच्छाई हावी हो जाती है
और दिल भी शायद, तुमसे दूर नहीं जाना चाहता है,
जो हर रोज़, हर पल तुमसे एक नयी सी मोहब्बत हो
जाती है
पता तो शायद आज भी है, कि तुम मिलोगे नहीं कभी
फिर भी ना जाने क्यूं, ये दिल सिर्फ तुमसे मिलने के इंतजार में दिवाना लगता है
मंजिल तक तो पहुंचना है, एक दिन इसे भी, पर अब
यह तुम्हारे इंतज़ार का सफ़र भी सुहाना लगता है
अकेले राह पर चलते-चलते, अब ग़र किसी का हाथ थामकर चलना है, तो सिर्फ तुम्हारा
हर राह, हर मोड़, हर आहट पर, अब इस दिल को इंतज़ार है ग़र, तो सिर्फ तुम्हारा।
सिर्फ तुम्हारा ही इंतज़ार है।
By Pallavi Jawalkar

Comments