सितारे
- Hashtag Kalakar
- Oct 28, 2022
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By Pratiksh Shrivastava
आमहवस का भेद चाँद नहीं सितारे हैं,
दूर रहकर जो पास है वो दोस्त अपने न्यारे हैं।
दिखते हैं भोले ना जाना इनकी सूरत पर,
नदी सामने समंदर और आग के सामने अंगारे हैं।
लड़ते हर वक़्त है कभी ना खुद से हारें हैं,
दुख कि बंजर जमीन पर ये ख़ुशी के फ़वारे हैं।
बदल जाते है लोग अक्सर वक़्त देखकर, मेरे गर्दिश में भी चमके ऐसे ये सितारे हैं।
By Pratiksh Shrivastava

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