"सावन की बौछार"
- Hashtag Kalakar
- Oct 16
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By Aadesh Chauhan
सावन का महीना आया है देखो,
सावन के गीत गाने गुनगुनाने को।
मस्ती का आलम है छाया नाचें झूमें,
कोई ना आए हमें टोकने को।
घुमड़ घुमड़ कर काले बादल आते
धूप तपिश की चुभन कम करने को।
आसमान से होगी बारिश अब
गर्मी से सबको राहत दिलाने को।
आएगी मिट्टी से सोंधी सोंधी खुशबू
गले लगाएगी ये जब बूंदों को।
खाओ भुट्टे, पकौड़े और घेवर
स्वाद भाए जिनका हमारी जिह्वा को।
इतना पावन महीना है ये, नई ऊर्जा
आई हमें शक्ति व भक्ति देने को।
भक्तजन डूबे हैं भक्ति में, शिव शंकर
भोले की जयकार लगाने को।
तीज पर लगाएंगे हरी मेहंदी, कर देगी
जो लाल हमारी हथेलियों को।
डालेंगे झूले पेड़ों पर बढ़ाएंगे पींग
हवा से हम बातें करने को।
भाई बहन का पावन त्यौहार भी है
आया एक दूजे को रक्षा सूत्र बांधने को।
सावन का महीना आया है देखो
सावन के गीत गाने गुनगुनाने को।
By Aadesh Chauhan

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