शायरी :Hashtag KalakarNov 12, 20221 min readRated NaN out of 5 stars.By ZafarAli Memonआसाँ है मिट्टी से मिट्टी पे मिट्टी लिखना मुश्किल है इक-तरफ़ा चाहत में चिट्ठी लिखनाBahr - 22 22 22 22 22 22 2By ZafarAli Memon
Shayari-3By Vaishali Bhadauriya वो हमसे कहते थे आपके बिना हम रह नहीं सकते और आज उन्हें हमारे साथ सांस लेने में भी तकलीफ़ होती...
Shayari-2By Vaishali Bhadauriya उनके बिन रोते भी हैं खुदा मेरी हर दुआ में उनके कुछ सजदे भी हैं वो तो चले गए हमें हमारे हाल पर छोड़ कर पर आज भी...
Shayari-1By Vaishali Bhadauriya इतना रंग तो कुदरत भी नहीं बदलता जितनी उसने अपनी फितरत बदल दी है भले ही वो बेवफा निकला हो पर उसने मेरी किस्मत बदल...
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