वसुधैव कुटुम्बकम्
- Hashtag Kalakar
- Sep 19
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By Suhani Gupta
“वसुधैव कुटुम्बकम्” का मतलब है कि पूरी दुनिया एक परिवार है।यह प्राचीन भारतीय विचार हमें बताता है कि सभी लोग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और हमें एक दूसरे से सौहार्द्र, दया और सम्मान से व्यवहार करना चाहिए बिना किसी भेदभाव के। यह सिर्फ एक विचार नहीं है; यह जीवनशैली भी है जो समरसता और विश्वव्यापी भाईचारे को बढ़ावा देता है।
वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना आज, जब दुनिया एक-दूसरे से अधिक जुड़ी हुई है और असहिष्णुता के उदाहरण बढ़ते जा रहे हैं, और और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। एक ऐसे समाज की कल्पना कीजिए जहाँ हर व्यक्ति को अपनी पहचान से परे, समान अधिकारों, गरिमा और आदर के साथ देखा जाए।यदि हम इस दृष्टिकोण को अपने विचारों और व्यवहार में उतार दें, तो हम एक शांतिपूर्ण, समावेशी और करुणामयी दुनिया बना सकते हैं। यही वसुधैव कुटुम्बकम् की सच्ची आत्मा है, जिसमें हम सब एक परिवार की तरह रहते हैं।
By Suhani Gupta

Family is our biggest strength
So true, लोकों ये समाज मुझे लगता है एक ideal ही रह सकता है - हमारे लिए ये बहुत बड़ी बात है.