यूઁ ही चल रही है जिंदगी
- Hashtag Kalakar
- Sep 2, 2023
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Updated: Aug 30
By Neeru Walia
विचार बदल गए,
लिबास बदल गए।
बदलते वक्त के साथ जज़्बात बदल गए ,
जिंदगी के सफ़र में लगा साँसों का पहरा है।
इस बात से बेखबर आज हर चेहरा है,
पैसों की अंधी दौड़ में ईमान तक बिक रहे हैं।
शराफ़त का नकाब ओढ़कर लोग एक दूसरे को छल रहे हैं,
राजनीति है हर दिल में यूઁ घर कर गई।
ज़िंदगी ढलती शाम - सी है गुज़र रही,
ज़िन्दगी के नाम पर जो साઁसें चल रही है।
हर सांँस जीने की कीमत अदा कर रही है,
ये रिश्ते ,ये नाते दौलत के नाम पर भेंट चढ़ रहे हैं।
जो गुनाह किए नहीं ,उनकी भी सज़ा मिल रही है,
जिन अपनों की खातिर अपनी ख्वाहिशें दफन कर गए।
हमारे लिए क्या किया?
बेगैरत होकर यह सवाल कर रहे हैं ,
ए ज़िंदगी, अब तो रब से यही दुआ करें ।
मौत से पहले न कहीं इंसानियत और शराफ़त के जनाजे उठ जाए,
ज़िंदगी फिर से न शर्मसार हो पाए
रिश्तों में पहली - सी जान आ ।
रिश्तों में पहली - सी जान आ ।
By Neeru Walia

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