मैं बहकने को तैयार हूँ
- Hashtag Kalakar
- May 10, 2023
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By Arti Prajapati
घर की इज्जत है लड़की यह पुरानी रिवायत है,
और जो मदमस्त सी हँस दें हम खुलकर,
तो जाने क्यों लोगों को शिकायत है;
ख्वाइशें बन्द शीशी के इत्र सी हैं इनको महकाना जरूरी है,
उड़ना मेरी ख्वाहिशों में शामिल है मुझे लहराना जरूरी है।।
आसमां से ऊंची ख्वाहिशें है मेरी, पर कुछ लोग रोक देते हैं,
चलने को बेचैन कदम मेरे, पर कुछ शुभचिंतक टोक देते हैं;
वैसे तो शिकायतों की फेहरिस्त बहुत लंबी है
पर छोड़ो किसी और दिन कहते हैं,
आज बेखौफ बहने दो मुझे
आज बस अपने आप में यूं ही रहने दो मुझे
मैं महकने को तैयार हूँ।।
मैं बहकने को तैयार हूँ।।
By Arti Prajapati

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