मौसम ने ज़िंदगी के देखो…
- Hashtag Kalakar
- Oct 15
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By Vishvas Desai
मौसम ने ज़िंदगी के देखो कितने रंग दिखायें हैं,
दूर क्षितिज पर अम्बर और वसुधा को संग दिखायें हैं,,
एक ओर हैं फटे तजुरबे, दूजी ओर हैं चादर मख़मल की,
सूखे मैदानों के बीच में बसती धारा हैं जल की,,
करुणा के सागर में बहतीं रोती रोती लहरें हैं,
पत्थर के किनारों पर देखो मौसम बड़े सुनहरे हैं,,
दूर अँधेरे हैं जगमगाते, और सूर्य पर मायूसी छाई हैं,
दिन पर ज़ुल्म जो कर रही हैं, रातों की परछाई हैं,,
आँखें मूँदकर जीते हैं जो, उन्हीं ने जश्न मनायें हैं,
खुली आँख से चलने वाले अक्सर प्रश्न लगाएँ हैं,,
मौसम ने ज़िंदगी के देखो कितने रंग दिखायें हैं,
दूर क्षितिज पर अम्बर और वसुधा को संग दिखायें हैं,,
By Vishvas Desai

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