बेपनाह मुहब्बत
- Hashtag Kalakar
- May 10, 2023
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By Parveen Kumar
इतनी बेपनाह मुहब्बत थी तुमको मुझसे,
हम इसके बारे में अनजान थे |
वरना हम भी मुहब्बत के लिए मर मिटने वाले इंसान थे |
आपका साथ मिला, वह पल मेरी जिंदगी के बड़े महान थे।
हम भी आपकी तरह एक अच्छे इंसान थे।
खुशी का आलम था कॉलेज की शान थे।
भूलते नहीं वह पल बेशक थोड़े ही समय के मेहमान थे।
मिलते थे रोज मगर एक दूसरे को कुछ कह ना सके।
दुनिया की इस महफिल में हम एक दूसरे के हो कर रह ना सके।
कालेज छूट गया, फिर भी दिल में मिलने के अरमान थे।
एक तरफ तुम्हारी याद, दूसरी तरफ परिवार के एहसान थे।
तुम जहां खो गए उस रास्ते से अनजान थे।
मन को यही संतोष रहा कि हम कभी तुम्हारे दिल के मेहमान थे।
पता नहीं, एक मुद्दत के बाद मिलने की खुशी का कोई हिसाब ना था।
मैं तो बहुत देर उधेड़बुन में पढ़ा रहा कहीं यह ख्वाब तो ना था|
By Parveen Kumar

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