बेटे की पुकार
- Hashtag Kalakar
- May 8, 2023
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By Rochak Shrivastava
लिख रहा हु जो आज तक न लिख पाया,
आपके ही कारण मैं इस धरा पर आया।
नयन सुमिरन ओझल हो जाए तो माफ करना,
मन में भावनाओं का गुबार बने तो उसे संजो के रखना।
दीवारों पर आपकी अब तक दो ईंट तो मैं नहीं लगा पाया,
पर जब लगवा दूंगा तब समझना बरसो का आपका सपना सफल हो आया।
रास्ता मेरा हर पल आसान कर देने का आपका अंदाज बड़ा निराला हैं,
बिन मांगे ही मुझे जो मैं चाहूं वह वस्तु दिला देना बड़ा प्यारा हैं।
आपके दूर होने से ज़रा जीवन तकलीफों भरा है,
बेटा दूर अकेले राहों में आपका हाथ थामे बगैर ही खड़ा है।
वैसे रिश्ते में आपके बहुत बड़ा समर्पण है,
वरना कहां हजारों में कमाने वाले में लाखों लूटने का दम होता है।
समक्ष आपके होने के लिए मैं बहुत ललचाता हूं,
हिसाब रखकर दिनों का मैं वापस आ जाता हूं।
असीम आनन्द है इस बात के होने में,
गर्वित हूं आपका बेटा होने से।
जिस गलियारे से मुझे आप इतनी दूर लेकर आए,
कहां मिलती है ऐसी किस्मत जो आप दोनों ले आए।
मैं सोचता भी तो जन्मो में ना कर पाता,
क्षण भर में मुझे प्रेरित कर देखो आप कैसे कर दिखाए।
समय बड़ा तेज़ी से बढ़ने लगा है,
हासिल हो रहा कम और खर्च ज़रा ज्यादा होने लगा है,
जीवन का परिचय मुझे भी होने लगा है,
पर आपका बेटा आपके लिए और हमारे
परिवार के लिए दृढ़ खड़ा है।
असफल होता रहूंगा मैं कितना भी कितना मैं गिरता जाऊंगा,
उठ कर खड़े होऊंगा और आपदा को आपकी तरह मैं पार लगाऊंगा।
स्मरण आपका हर पल मैं करता रहूंगा और हर पराक्रम के पहले कर्म समापन करने की चेष्टा करूंगा,
सहज ही नहीं पर एक दिन ज़रूर पूरी हिम्मत देते हुए
मैं आपके साथ खड़े रहूंगा।
By Rochak Shrivastava

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