फिर एक बार
- Hashtag Kalakar
- Oct 28
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By Gayatri
हो मजाल अगर तो फिर एक बार,
दर्द दे जा ऐ ज़िन्दगी;
टूटे हैं, जले हैं पर उभरे हैं फिरसे,
सहने की ताक़त अब भी है।
हो सवाल अगर तो फिर एक बार,
राहों में बिछा दे ज़िन्दगी;
गिरे हैं, फिसले हैं पर जवाब की तलाश में
रहने की ताक़त अब भी है।
हो मलाल अगर तो फिर एक बार,
तक़दीर में लिख दे ज़िन्दगी;
इश्क़ अधूरा सही पर बेईमान नहीं यह
कहने की ताक़त अब भी है।
हो बवाल अगर तो फिर एक बार,
सुकून छीन ले ज़िन्दगी;
उतरे जो हैं बेकरारी के दरिया में,
बहने की ताक़त अब भी है।
By Gayatri

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