“नज़रिया”
- Hashtag Kalakar
- Nov 11
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By Mandeep Kaur
किसी का मामा बन जाए,
किसी को उसे देखते ही महबूब की याद आ जाए,
कहते हैं चाँद में दाग है,
पर उसके बिना रात भी काली और वीरान हो जाए।
यह तो सब के अपने-अपने नज़रिए की बात है,
कोई उसमें दाग है ढूंढता,
और कोई उसकी खूबसूरती के गुण गाए।
By Mandeep Kaur

Great lines
Great lines
Nice work 👍