दो गज
- Hashtag Kalakar
- May 10, 2023
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By Abhishek Bagri
दो गज कफ़न को भी नीलाम होना पड़े,
या खुदा इतना ना किसी को परेशान होना पड़े,
बांटदे सभी को उनके हिस्से की जमीन,
ऐसा ना हो किसी घर को कब्रिस्तान होना पड़े,
अपना है गम, अपने है आंसू
अपनी मुझे आस्तीन भिगोना पड़े,
जिंदगी अकेले बीती पर मौत ऐसी ना हो,
मेरी हो कब्र मुझी को रोना पड़े,
By Abhishek Bagri

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