देखो तेरी याद में
- Hashtag Kalakar
- May 10, 2023
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By Abhishek Bagri
देखो तेरी याद में, जाम भरे हम इतना रोये
रोये बादल साथ में, गुल भी रोये, कांटे रोये
आंखें झूठी, दिल भी झूठा, आंसू सबके झूठे है,
अन्दर से जो रोता है तो देखो उसकी सांसे रोये,
नन्हें मुन्ने कंधों पर क्यों बस्ते लाधे जाते हैं
इनकी आँखों के कोने में, कहीं बैठ के इनका बचपन रोये
फ़िक्र क्या हो आतिश की मुझको, घर बार जलाये बैठा हूं
बैठा इसी ज़मीन पर देखों जाने क्यों ये खंडहर रोये
आगे कुछ ना लिख पाऊँ मैं, कितना जहर है स्याही में,
पन्नापन्नापलटपलटकेसारीमेरीकिताबेंरोये
By Abhishek Bagri

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