तुम वो हो
- Hashtag Kalakar
- Dec 5
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By Purnima Raj
इस कहानी की शुरुआत में ही अंत लिख दिया गया था । यह है एक कहानी उस लड़की की जो बिहार के छोटे से गांव रामपुर में रहती है। जिसका मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं हुआ, लोगों ने और उसने अपने आप को विश्वास दिला दिया, अब तुम्हारे सफलता का अंत हो गया है। कुछ दिनों के बाद रिजल्ट आया एम्स नर्सिंग का उसमें उसका हो गया। जैसे मैंने पहले ही बता दिया उसके सफलता का अंत लोगों ने मनवा दिया था। यह कहकर कि “तुम वो नहीं “अब वो हो “!
कोई उपाय नहीं होने के कारण उसने दाखिला ले लिया मन मार कर हां कह दी। फिर क्या हुआ कुछ नहीं वहां जाकर भी वही पिछली जिंदगी को दोहरा रही थी, फिर से तैयारी कर रही थी मेडिकल कॉलेज के दाखिले का, पूरा पहले साल नर्सिंग का पढ़ाई नहीं की, ना अगले साल मेडिकल कॉलेज में दाखिला हुआ, कैसे होता पूरे दिन 8 से 5 नर्सिंग की क्लासेस चलती थी। उस क्लासेस के बाद वो आगे पढ़ाई नहीं उतना कर पाती थी। वो रुक कर सोचती भी नहीं थी आगर उससे दोनों साथ में नहीं हो रहा तो किसी एक को चुन ले। उसके मन में यही चलते रहता था कि वो सफल नहीं है वो अब आसफल है, वक्त बितता गया पढ़ाई की काम को जानी, इस काम में अच्छे पैसे मिलते हैं ऊंचे पद पा सकती है इस बात को जानी इससे उसका नजरिया बदला।
अब उसको चुना था नर्सिंग को बहुत सारी बातों के बावजूद पर अपनों को मंजर भी दिखाना था, हां वो सफल है उसको फर्क पड़ता था उसके आपने क्या सोचते हैं शुरुआत कर दी, अपनी छोटी-छोटी सफलताओं का दृश्य भेज कर उनके भ्रम को हटाया, उनको सही दृश्य दिखाकर, वो अपनी पूरी दुनिया के लोगों का नजरिया तो नहीं बदल पाई पर, अपने करीबी और आसपास के लोगों का नजरिया बदल पाई। अपनों को अपने काम के प्रती एक अच्छा नजरिया दे पाई। अंततः वो समझा पाई वो हर छान वो नहीं है जो लोग समझाते है, वो सार्थक जीवन जी पा रही है यही सफलता का सही मतलब है।
शिक्षा : लोगों की बातें तो सुनो, अपने नजरों से नजरिया बनाओ। अपनी दुनिया के लोगों के नजरिया को बदलो, अपने जीवन में शामिल करके। यही सफलता का असल मतलब है।
By Purnima Raj

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