ताज़ीम
- Hashtag Kalakar
- Sep 6, 2023
- 1 min read
Updated: Aug 21
By Mogal Jilani
मैं कर तो सकता था बयां और भी आगे मगर!
ये ताज़िम है उनकी, के अब जुबां चल नही सकती
चल तो सकती थी कलम और भी आगे मगर!
आगे नाम हे उनका, के अब कलम चल नही सकती
इसी पर करता हु में इख़्तिताम अपनी पूरी बात का
नाम आया है उनका, कि अब बात आगे चल नही सकती।
By Mogal Jilani

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