ज़ख़्म दिल के
- Hashtag Kalakar
- May 7, 2023
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By Nalini Choudhary
पलटकर वो ज़माना अब आता नहीं
कभी हमारे लफ़्ज़ क़हर भरते थे उन पर
आज वो ख़ैर पूछने आते नहीं
अशार लिख लिख कर भी आता मनन को सुकून नहीं
ज़ख़्म दिल के कितने गहरे ही सही
पर आईने को भी हम दिखाते नहीं
By Nalini Choudhary

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