चिड़िया
- Hashtag Kalakar
- May 10, 2023
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By Arti Prajapati
मेरे घर के सामने एक पेड़ है
हर रोज उस पर एक चिड़िया आती थी,
सूरज का पता मुझे ना था
उसकी चहक से मेरी सुबह हो जाती थी।
दिनभर उसकी चहलकदमी से
मेरे घर की संजीदगी खो जाती थी,
मेरे ख़ौफ से बेखबर वो चिड़िया
मेरे घर को अपना घर समझकर आती थी।
हरा रंग, चमकीली सी बड़ी-बड़ी आंखें
न जाने वो किस को बुलाती थी,
उसकी चहचहाहट से मेरी आंखों की नमी
मुस्कान में बदल जाती थी।
आजकल घर कुछ सूना-सा नजर आता है,
चहचाहट की बजाय सन्नाटा सा छाता है,
मेरी वो चिड़िया कहीं खो गई है,
किसी को नजर आए तो जरूर बताना
मुझे उसकी आदत सी हो गई है।।
By Arti Prajapati

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