गोल गोल दुनिया
- Hashtag Kalakar
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By Sumita Kumari
गोल गोल दुनिया के पहिए
सोच समझ कर रहिए
सच क्या झूठ क्या
हर कोई झुलस रहा है
इस प्रश्न के इर्द गिर्द
ज़िंदगी चलायमान है
आत्मा के रोशनी में
सत्य ही सत्य है
सत्य आज फिर भी परेशान है
मन की आंखे कुछ और
दिमाग की उथल पुथल कुछ ऑर है
गोल गोल दुनिया के पहिए
सोच समझ कर रहिए
परीक्षा कठिन है उनके लिए
जो सत्य के पहरेदार है
घोर कुंठा ,निराशा है
हर कोई आश्वाशन के गिरफ्त है
कल न्याय होगा
अंधेरे से दूर नई सुबह होगी
उपहास , सहनशीलता को भी
अल्पबुद्धि की संज्ञा मिलती जा रही है
वह रे क्या दुनिया है
गोल गोल दुनिया के पहिए
सोच समझ कर रहिए
झूठ की बोली फ्राटेदार
हो रही है
सत्य कभी ढाल था
आज सत्य झूठ की होड़ में
झूठ का बोलबाला है
जब जब सत्य का बीड़ा
उठाई गई है
लोगों ने पीड़ा भी गिन गिन कर दिए हैं
By Sumita Kumari

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