खामोश बगावत
- Hashtag Kalakar
- May 10, 2023
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Updated: Jun 12, 2023
By Pushpak
अंदाजा तुझे कहा है, कितने दफन हुए
अबतक तो जिंदा है, . . .
अब खतम हुए
कभी किसान, कभी जवान, कभी हिंदू तो कभी मुसलमान
मरने दो, कभी वह भी तुम थे, ईमान से आला पर सियासत में कम थे
काश वह भी सियासतदां होते,
तो आज जिंदा होते और जिंदा उनके अरमान होते
गुनाह कुछ नही था उनका, बस वो बेचारे थे
उन्हें ताउम्र पता ना था, वो सियासत के सहारे थे
पर क्या वो लोग थे
एक कर्ज में मरा, एक फर्ज में और दो यूंही मर गए
पर मरते मरते मेरा जमीर जिंदा कर गए
सुनो तुम, हा तुम सुनो
सियासत के इस ढोंग से में तुम्हे आगाह करता हूं
मेरे खयालों को सहेज कर रखना मैं भी अब मरता हूं
By Pushpak

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