कलम से रिश्ता
- Hashtag Kalakar
- Nov 11
- 1 min read
By Dhruv Tangri
सारे रिश्ते टूटने पर जोड़ा बना मेरा कलम से,
वह कलम जो कभी हो नहीं सकती बेवफा,
वह कलम जो दिलाएगी मुझे सितारे और चांद,
वह कलम जो परेशानी में करे मुझे शांत,
वह कलम जो हमेशा देगी मेरा साथ।
कलम मेरी निडर है देखती बड़े बड़े ख्वाब,
कलम मेरी ज्वाला जसबातों को कर देती है राख।
वह राख मैं मलता अपने माथे पर,
राख लगी हो तो दुख होता नहीं जस्बातों की चिता जलने के बाद।
कलम से रिश्ता जोड़ने पर दिखी सीधी सच्ची राह,
कलम जो दिखाती है रास्ता ले जाती है मुझे जस्बातों के यमराज के पास।
By Dhruv Tangri

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Bohot he sundar 🙏