एक कहानी ऎसी भी
- Hashtag Kalakar
- May 11, 2023
- 1 min read
Updated: Jul 18
By Mayank Nahata
आई हसीना ऎसी अदाओं में
हम तो हुस्न पे फ़िदा हो गए
ऎसी मदहोश आँखों पर
हम गुमशुदा हो गए
खिलाया पिलाया घुमाया उसको
कंधे का सहारा दिया उसकी आंसुओं को
पर हसीं लम्हे ये छुपा न सके
बुरे वक़्त का पता ही न चला हमको
झपटा था हाथ ऐसे मौके पे
क्योंकि इस दिल को कोई न रोके रे
पर हम तो भटक गए थे यूँ
रखा गया था मुझे किस धोके में
हम तो यहाँ बस "Hi" कर गए
वो ख़ुशी-ख़ुशी "Bye" कर गए
सोचे थे ख्वाब हमनें हसीन कितने
अब तो हम भी उसके भाई बन गए
उसने दी हमें ऎसी लात
अँधेरी हो गयी वो रात
लव्स हमारे पास न थे
आंसुओं ने करदी कुछ ऎसी बात
उसकी यादों को हम भुला न सके
इस टूटे दिल को हम छुपा न सके
पर देखा एक हसीना जब और यहाँ
हमारे होश फिर उड़ गए
आई फिर हसीना ऎसी अदाओं में
हम तो हुस्न पे फ़िदा हो गए
धोखा तो होना था फिर से हमारे साथ
पर हम तो ऐसे गुमशुदा हो गए
हुस्न पे फिर से फ़िदा हो गए
By Mayank Nahata

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