उलझनेकी आपमें
- Hashtag Kalakar
- May 8, 2023
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By Omkar Mohile
उलझनेकी आपमें गुस्ताखि हम कर बैठै
खबर हुई सबको, मगर आप बेखबर बैठे
ख्वाबमें आपसे कईबार इजहार किया
सामने केहेनेकी बस, आज जुर्रत कर बैठे
खुबसुरत लुटेरेसे पडा जो पाला खुदा
आपपर खुदही हम, दिलों-जां लुटाकर बैठे
हारसे तो रूबरू ना कभी थे आजतक
दिदारपेही आपके हम, खुदको हारकर कर बैठे
आपनेतो ना बताया आपके जो दिलमें था
आखोंसे बातें दिलकी, पढनेकी हरकत कर बैठे
By Omkar Mohile

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