इश्क़ क्या है?
- Hashtag Kalakar
- May 9, 2023
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By Abhishek Tyagi
इश्क़, बदन की हवस नहीं
जो मिला हाथ और लपक लिया
झपकी पलक, पिघल गया, या
उठी तलब और फिर थम गया…
इश्क़, रिश्तों का सूत्र ही नहीं
जो कर्तव्यों की मजबूरी हो
इश्क़ सैलाब नहीं है भावों का
जो महज़ कशिश की हुज़ूरी हो…
इश्क़, ना काम है, ना वासना
ना है आपसी निर्भरता
वो किसी की जरुरत नहीं
जो मुक़म्मल होने पे, आनंद है भरता…
इश्क़ व्यापार नहीं, जहाँ लेना-देना हो
इश्क़ मोह नहीं, जहाँ भय-बंधन घेरा हो
इश्क़ आज़ाद है, न संदेह, न सीमा हो
इश्क़ वहां, जहां हम-तुम एक हों…
इश्क़ मिलन भी है, जुदाई भी
इश्क़ स्नेह-सम्मान की रुबाई भी
बाकी तो कांच के सपने हैं,
आज हैं, तो कल नहीं भी…
जिसकी रब से आशिक़ी हो, वह योगी बनजाये
प्रियतम सबका वो, सभी की वो प्रियसी कहलाये
जिसे ख़ुद में तू और तेरे में ख़ुदा दिख जाए
हो कर फ़ना, तुम्हें इश्क़ से आबाद कर जाए…
खैर भरा घड़ा ही तो प्यास बुझाता है
जो असीम है, वही मतभेद समाता है
ख़ुद को जाना हो जिसने, वही सबको समान पाता है
ख़ुदी से मुक्त है जो, वही तो हारे को जिताता है
By Abhishek Tyagi

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