आसमां की सीख
- Hashtag Kalakar
- Oct 15
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By Navneet Gill (नवनीत गिल)
दूर तलक,
फैला सन्नाटा,
मटमैला फ़लक,
रंग-ए-नूर से रहा बंटा।
सफ़ेद, नीली,
ले करके सिंदूरी,
चुनरिया मतवाली,
रात में सितारों से भरी।
जगा अरमान,
सजीले, पुकारता,
कहे उठ भर उड़ान,
रहे, प्रोत्साहित करता।
कर हिमाकत,
छूने की कोशिश,
भूलाकर शिकायत,
आगे बढ़ बिना साज़िश।
छोड़कर भीख,
रखना, सदैव याद,
आसमान की सीख,
मत करना समय बर्बाद।
By Navneet Gill (नवनीत गिल)

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