आज इक ग़ज़ल बस तुम्हारी आँखों पर ही
- Hashtag Kalakar
- May 10, 2023
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By Manish Joshi
आज इक ग़ज़ल बस तुम्हारी आँखों पर ही,
दिल गया है मचल बस तुम्हारी आँखों पर ही।
ये शाम आए कहीं से भी कहीं से भी मगर,
रोज़ जाए ढल बस तुम्हारी आँखों पर ही।
आज मैंने जो चुराए हैं मोती तुम्हारी आँखों से,
रख दूँगा मैं कल बस तुम्हारी आँखों पर ही।
इक यही जगह है जहाँ ये पाए जाते हैं,
मोहब्बत के कमल बस तुम्हारी आँखों पर ही।
By Manish Joshi

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