Trishna
- Hashtag Kalakar
- Sep 4, 2023
- 1 min read
Updated: Aug 30
By Manisha Mullick
ठंडी सांसे ना पालो सीने में,
लम्बी सांसों में
सांप रहते हैं,
मेरे होठों पर
रखकर अपने होंठ,
फूंक दो सारी सांसों को
मेरे अंदर,
मुझको आदत है
ज़हर पीने की…
शिव बन जाऊंगी मैं
तुम्हारे लिए,
सारा ज़हर
अपने कठं में अटकाकर,
ज़िन्दा रहूंगी खुद भी
और
जिंदा रखूंगी तुमको भी,
शिव हूं मैं
आदत है मुझे ज़हर पीने की ।
By Manisha Mullick

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