Tripti
- Hashtag Kalakar
- Sep 4, 2023
- 1 min read
Updated: Sep 3
By Manisha Mullick
चलो
तुम और मैं आज बैठें
सांझ की अटारी पर
पैर लटकाकर,
थोड़ा और पास खींच लाएं चाँद
लंगर डालकर,
दौड़ लगाएं आसमान में
पकड़कर पंछियों के पर,
रात की किसी डाल पर चढें हम
चाँद पर बैठी बुढ़िया से बचकर,
और चुरा लाएं थोड़ा सा नूर
तारों से चलकर ,
बांध दें कोई रिश्ता क्षितिज पर
ज़मीं और आसमां को जोड़कर,
भर लें मन
मेरा तुम .. तुम्हारा मैं
जी भरकर,
चलो मैं और तुम
आज बैठें
सांझ की अटारी पर।।
By Manisha Mullick

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