Taklif Iss Dil Ko
- Hashtag Kalakar
- Sep 9, 2023
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Updated: Sep 3
By Monika Sherawat
तक़लीफ इस दर्द-ए- दिल को ना जाने कितनी उठानी है।
मजबूरी का नाम देकर ना जाने कितनी ख्वाहिशें लुटानी है।
ज़िन्दगी-ए-सागर में ना जाने कितना डूबना कितना तरना है।
तलाश में सुकून-ए-सहिल की ना जाने कितनी उम्र गवानी है।
By Monika Sherawat

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