By Deepshikha
काश कि जीवन की सबसे लंबी वाली रातों के पश्चात,
आप ढूंढ पाए सुबह की रोशनी,
आप देख पाएं फूलों की खूबसूरती, उनपर मंडराती तितलियों के बिभिन्न रंग, फिजा की खुशहाली,
आप सुन पाएं पक्षिओं की चेहचाहट, बहते पानी की सरसराहट, आस पास बिखरे तमाम जीवों के गीत,
आप कर पाएं पहचान पत्तों से पेड़ो की,
आप महसूस कर पाएं एक खुशबू हवा में,
एक सुकून अपने भीतर,
आप ले पाए कोई प्रेरणा अपने साथ चलते लोगों से,
आप हो पाएं हैरान कुदरत की तमाम विविधताओं पर...
काश कि जीवन की तमाम लंबी रातों के बाद,
आप खोज पाएं कोई एक वजह खुश होने की,
कोई एक वजह कृतज्ञ होने की....
By Deepshikha
Wow! The poem is so beautiful. The last two lines just touched my heart.
Upon reading this, individuals may contemplate whether becoming an early riser is a good choice for them.
Very Fresh and Positive :)
Well written
Kuchh subaho ka intezaar hamesha rehta hai❤️