Siksha Ki Paribhasha
- Hashtag Kalakar
- Jul 17, 2023
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Updated: Aug 26
By Eram Sharma
बाल रूप लेकर,
जीवन अस्तित्व में आता है ।
माता पिता के स्नेह में,
वह प्रथम शिक्षा को पाता है ।।
कुल की सीमा से परे होकर,
जब वह प्रतिवेश साकारता है।
सामाजिक रंग ढंग में,
अपनी छवि आकारता है ।।
शिक्षालय के पथ पर,
जब अपने कदम बढ़ाता है।
गुरु, विद्या, पुस्तक से,
अपने संबंध बनाता है ।।
इस शिक्षा के मंदिर में,
उचित शिक्षा को पाता है ।
मित्र कई बनाता है और
अग्रसर होता जाता है ।।
शिक्षा सरस्वती की वीणा है,
मन में उल्लास जगाती है।
शिक्षा समाज का दिनकर है,
विचारों के अंधियार मिटाती है ।।
शिक्षा देवी का अस्त्र है,
अधिकारों पर लड़ना सिखलाती है ।
शिक्षा मानवता का आधार है,
जीने का ढंग बतलाती है ।।
विद्यालय के उपरांत,
प्राप्त ज्ञान,
जो जीवन भर अपनाता है,
शुद्ध मायने में,
वही “शिक्षित” कहलाता है ।।
By Eram Sharma

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