By Vaishali Bhadauriya: Unveiling Emotions Through Shayari-3
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Shayari-3

Updated: Feb 14

By Vaishali Bhadauriya


वो हमसे कहते थे

आपके बिना हम रह नहीं सकते

और आज उन्हें हमारे साथ

सांस लेने में भी तकलीफ़ होती है...................


यूं तो भीड़ में खड़े हैं हम

पर तनहाईयों का एहसास हर पल है

यूं तो दिल में आज भी है वो हमारे

पर उनके साथ ना होने का एहसास हर पल है.................


भीड़ में कदम रखा

फिर भी अकेले रह गए

पहले सिर्फ तुम बेवफा थे

लो अब हम भी बेवफा हो गए..................

 



क्या नसीब मेरा है

मुझे तू ना मिला है

मेरी ही किस्मतों से

ये खुदा भी खफा है...................


क्या तुमसे मेरा वास्ता

ये तो जाने बस खुदा

कोई भी नहीं समझ यहां

तेरा मेरा ये रिश्ता...................


दर्शन की में

अगन से हारी

तुम हो प्रभु

मैं दास तुम्हारी..................


By Vaishali Bhadauriya



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