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Shaam

By Birkunwar Singh


वो कहते हैं कि वजह वो शाम थी

शाम में बरसी जो जाम थी

दिल ए नादान का कौन पूछे हाल

वो भी हस के बोले आज की शाम उनके नाम थी



मीलों दूर का सफर अब करीब लगता है

आसमां भी अब रंगीन लगता है

छुपा वो चाँद बादल के पहलू में

मुझे तो सब मैं अब तू दिखता है


By Birkunwar Singh



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