top of page

Namak

By Deepshikha


तेरे जाने के बाद से...

लम्हे सालों जैसे हैं, पर साल गुज़र तो रहे हैं,

मिज़ाज़ आज भी वही है, और शहर बदल रहे हैं।


बस छूट जाती है, पर घर तो पहुंच ही जाता हूँ,

कहीं दीवारो पर तेरा नाम सुनकर, आज भी रुक जाता हूँ।


शब्द नहीं मिलते, ज़ेहन में विचार तो आते हैं,

दोस्त नहीं मिलते,लोग तो मिल ही जाते हैं।



कोई खुशी भले ना हो,पर मैं हँस तो रहा हूँ,

किसी मंज़िल के लिए ना सही,पर चल तो रहा हूँ।


मुलाकात नहीं होती,पर किसी बहाने बात हो जाती है,

इबादत नही होती,मोहब्बत तो हो ही जाती है।


मानो जैसे सब मसालें भरपूर हैं,बस थोडा नमक कम है,

यूँ की ज़िंदगी ज़िंदगी तो है,पर तेरे ना होने से स्वाद कहीं गुम है।


By Deepshikha



Recent Posts

See All
  • Grey Twitter Icon
  • Grey LinkedIn Icon
  • Grey Facebook Icon

© 2024 by Hashtag Kalakar

bottom of page