Milan
- Hashtag Kalakar
- Sep 4, 2023
- 1 min read
Updated: Sep 3
By Manisha Mullick
छुआ है अभी -अभी
आसमान मैंने,
चाँद था मेरी मुट्ठी में
अभी एक पल के लिए,
क्षितिज पर डूबता सूरज
निगला है मैंने अभी,
और जला लिया खुदको
हंसते हंसते,
ठंडी झील पर नंगे पाँव दौड़कर
दो किनारे छुए हैं,
और डुबकी लगाकर
छीन लाई झील से मैं चाँदनी,
मेरे आगोश में ज़िंदगी थी
और
मेरे पैरों के नीचे
ज़मीं नहीं थी,
कुछ और भी थीं लकीरें हाथों में
सांसों की शायद,
पंख नहीं थे मेरे पास
मैं परी नहीं थी..।
By Manisha Mullick

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