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Main Aur Meri Zindagi

By Kaushik Raj


चलो आज कुछ सुनाते है..

तमको थोड़ा अपने बारे बताते हैं..

जो आ रहा उसे आने देते है..

कहा से आया हूं कहां को जाना है..

ये सब रहने देते हैं..


यार जिंदगी बड़ी प्यारी है

प्यार मोहब्बत हंसी खुश से चल रही है

पर अनचाहे इसमें थोड़े गम भी है

दिल दुखा दे ऐसे इसमें जक्ष्म भी है ||


हलंकी देखने को तो अभी पूरा जहां बाकी है..

दुनिया के तमाम सुख,

भगवान परिवार काम या दोस्तों से काफी है..



मां के पुचकार से..

पिता के दुलार से..

दोस्त की फटकार से..

नूरी के प्यार से…


मसाअल्लाह ..

जिंदगी हसीन है।


पर हमेशा ऐसा नहीं होता है।

पूर्णिमा के बाद अमावस भी तो होता है।


जिंदगी एक सिक्का है..

एक तरफ हरियाली तो,

दूसरी तरफ अँधेरा है।


समय का ये खेल सारा है।


तो जितना मिला है

उसका शुक्रिया अदा करता हूं

खाने को खाना..

पीने को जाम..

जीने को दुनिया..

और करने को धेर सारा काम है..






क्यूँ देखे वो मन्ज़र जहाँ दिल खुश नहीं


क्यों सोचे उनको जिन्को हमारी कदर नहीं



क्यों जाना वहां जहां बुलाया ना गया हो..

या क्यू सुनु तुम्हारा.. जब तमको समझ न आया हो।


ये लोग हैं जो कहते हैं..

क्या मैंने पूछा है?


जो उनको सही लग रहा वो सही हो

ये जरूरी तो नहीं..

एक जिंदगी मिली है..

ये उनकी मर्जी से काटनी नहीं।


तो आमा.. देखो ऐसा है..

मुझसे थोड़ा दूर रहो..

मैं इंसान नेक पर बदतमीज हूं..


जैसा दिखता हूं.. वैसा नहीं हूं..

अपने काम से काम रखे..

मैं आपका मुह थोड़ा दूं, इतनी प्यारी चिज हूं।



By Kaushik Raj





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