Laut Aao Na
- Hashtag Kalakar
- May 10, 2023
- 2 min read
Updated: Sep 2
By Rachit Kothari
लौट आओ ना…
अब लिखते लिखते थक गया हूं तुम्हारे बारे मैं,
छोटी छोटी खुशियाँ दुंध कर थक गया हु दुसरो के सहारे में |
भले ही अब हमारा कोई नाता नहीं है मगर क्या करूं,
बात करते करते नींद से आखे मुंदलू ऐसे कोई सुलता नहीं है |
हर रात इसी बात को सोच कर दिल बहल जाता है कि कभी तो आओ गी तुम,
लौट आओ ना …..तुम्हारे अलावा दिल को कोई भाता नहीं है, ऐसी शिदाद से प्यार कोई निभाता नहीं है |
रोज़ उठ ते से ये ख्याल आता है कि अब मेरी ज़िंदगी की लकीर से तुम्हारा नाम मिट चूका है,
एक ही गलती के पछतावे को बार दोहराने का क्या मतलब |
मगर जब भी तुम्हे रोज दूर से आते हुए देखता हूं, दिल मन के दरवाजे पर फिर खटखटाता है
रोता है चिलता है...फिर बिल बिलबिलाता है,
लौट आओ ना, मुह से नहीं तो क्या हुआ मेरा दिल अपनी सांसो से तुझे रोज़ बुलाता है |
कभी कभी बैठे बैठे ही तेरी यादें मेरे ख्यालों के घर में ऐसा आशियाना बनाती है मानो सालों से वही रह रही हो,
शाम के उस ढलते सूरज को देखते हुए कॉफी पीते पीते तेरी वो इधर उधर की बातों की सुध मेरे मन में तेरे साथ बिताए उन पालो की ऐसी बाद लाती है मनो हम उसमें अभी तक बह रहे हो |
आज भी रात में मेरी नींद वो सपने तोड़ देते हैं जहां में तुम्हें ऐसी ही कोई कविता सुना रहा हूं और और...
तुम हस कर शर्माने की बजाये मुझसे मिलो दूर जा रही हो, किसी और के थोड़ा और करीब आ रही हो, वापस आओगी ना पूछने पर ना करते हुए अपना सर हिला रही हो…. मैं फिर से पूछता हूं, क्या तुम वापस आ रही हो?
लौटआओना …मुझेछोड़करक्योंजारहीहो |
By Rachit Kothari

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