Kashmakash
- Hashtag Kalakar
- May 10, 2023
- 1 min read
Updated: Sep 3
By Ekta Jaiswal
उम्र बीत टी जाती है दिन गुजरते है
जब सावन पंचासवं पार लगता है
शरीर की अठखेलियाँ अब डराती है
दिल जो जवानी में धड़कने प्यार में तेज़
अब अंजाने डर से कपकपाटा है
पता नहीं कौन चुपके से गहरे बैठ जाता है
हवा चीरकर जो उड़ जाते थे
पैर ठिठुरकर रुक जाते है
By Ekta Jaiswal

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