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In Pahado Se Koi Rishta Hai Mera

By Kaushik Raj


इन पहाड़ों से कोई रिश्ता है मेरा..

इन झील और नदियों से कोई वास्ता हैं मेरा ..

जैसे मुझसे ये कोई बातें करती हो ..कुछ कहती हो मुझसे..

मंज़िल से ज्यादा रास्तो की अहमियत वो बताती है ..

मानों कोई पुराने ज़ख्मों को मरहम कर जाती हैं ..

हिम्मत ताकत और हौसला देती हैं ..

ये मुझे मेरे होने का मुझे एहसास देतीं हैं ..




ना जाने क्यों इतना सुकून होता यहां ..

खतरनाक सड़कों से डरना होता जहां ..

कोई तो बात है इन पहाड़ों में ..

कोई तो राज है इन आसमानों में ..

आजादी का ऐसा आभास जैसे मानो कोई परिंदे को पर लग गयी हो ..

सारे तकलीफों को जैसे कोई रोग लग गयी हो ..

और होते हैं लोग जो बस जिंदगी काट देते हैं .. इन पहाड़ों के संग चालों ये तुम्हें जिंदगी बाट देते हैं।



By Kaushik Raj




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