Ekta Jaiswal
- Hashtag Kalakar
- May 10, 2023
- 1 min read
By Ekta jaiswal
ज़िंदगी ने जो करवट बदली
एक पल मे सब लुट गई
अंगिनत इच्छायें भी अभी बाकी
सुर्ख रंग को रो स्याह नून कर दिया
हर शाख बनी सूखी टेहनी
जिंदादिली से जीते थे, ज़हर से क्यु हो गये
केहते है “कोरोना” तुझे बेरहम
सब कुछ उजाड़ कर बेरंग जीवन कर
By Ekta jaiswal

Comments