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Ek Kahani Gumnaam Si

By Anuj Vashistha


मैं सोया था उसकी बाँहों में क्यों जगा दिया

मैं सोया था उसकी बाँहों में क्यों जगा दिया

ये ख्वाब मैंने खुली आँखों से देखा क्यों बता दिया

कमबख्त उलझाती हैं मेरी नज़रों को उसकी जुल्फें

चेहरे पर आती इन हसीन ज़ुल्फ़ों को क्यों हटा दिया


मोहब्बत मेरी झूठी नहीं जानती थी तू

मोहब्बत मेरी झूठी नहीं जानती थी तू

मेरी जुनूनियत को तूने एक तरफ़ा बता दिया

मैं सोया था उसकी बाँहों में क्यों जगा दिया

मैं सोया था उसकी बाँहों में क्यों जगा दिया




इश्क़ एक तरफ़ा ही सही बेपनाहा था मेरा

इश्क़ एक तरफ़ा ही सही बेपनाहा था मेरा

इसपे हक़ भी मेरा नहीं तूने फैसला सुना दिया

मैं सोया था उसकी बाँहों में क्यों जगा दिया

मैं सोया था उसकी बाँहों में क्यों जगा दिया


मैं चाहूँगा उम्र भर तुझे पत्थर दिल ये सच है

मैं चाहूँगा उम्र भर तुझे पत्थर दिल ये सच है

ये रिश्ता किसी नाम का मोहताज नहीं समझा दिया

मैं सोया था उसकी बाँहों में क्यों जगा दिया

मैंसोयाथाउसकीबाँहोंमेंक्योंजगादिया


By Anuj Vashistha




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